गर्भवती ब्राह्मण महिला पर हुआ जानलेवा हमला न्याय दिलाने कि बजाय पुलिस ने पीड़ित पर ही दर्ज किया एससी एसटी एक्ट में मुकदमा

बाराबंकी- जमीन विवाद में गर्भवती ब्राह्मण महिला के साथ मारपीट करने का मामला उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आया हैं। जहां जमीन पर कब्जा करने से रोकने पर दलितों ने एक गर्भवती महिला व उसके परिवार की महिलाओं पर लोहे की राॅड, ईटों व डंडों से हमला कर दिया, जिसके चलते घायल गर्भवती महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई और उसे अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने महिलाओं की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया हैं। हद तो तब हो गई जब पीड़िता की शिकायत के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने आरोपियों की शिकायत पर उल्टा पीड़ितों के खिलाफ ही विभिन्न धाराओं सहित एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया

जानिए क्या है पूरा मामला?

घटना बाराबंकी जिले के रामस्नेहीघाट कोतवाली क्षेत्र के चौरी अलादादपुर गाँव की बताई जा रहीं है, जहां पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि उनके घर के पीछे स्थित खाली जगह पर विपक्षी केदारनाथ, चंद्रकुमार पुत्र जगजीवन व कुंवर बहादुर पुत्र जानकी और दो अन्य लोग उनके घर के पुरुषों की अनुपस्थिति में जबरदस्ती अपना टीनशेड लगाकर कब्जा कर रहें थे। जब पीड़िता व उसके परिजनों ने मौके पर पहुंच कर टीनशेड लगाने से मना किया तो विपक्षी भड़क गए और गाली गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी, जिसका एक वीडियो भी सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा हैं।

वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह विपक्षी केदारनाथ, चंद्रकुमार व कुंवर बहादुर व अन्य मिलकर पीड़ित महिलाओं पर ईंट, डंडों से हमला करते नजर आ रहें हैं। पीड़ित एक अन्य महिला का आरोप है कि आरोपियों द्वारा चार महीने की गर्भवती चंद्रावती पति मोहित मिश्रा के ऊपर भी लाठी डंडों से हमला कर दिया, जिसमें उसे काफी चोटें आई और ब्लीडिंग शुरू हो गई।

गर्भवती ब्राह्मण महिला के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि महिला के ऊपर जानलेवा हमला किया जा रहा है। इसके बावजूद पुलिस का कहना है कि दोनों ओर से मारपीट हुई है। जो कि सरासर गलत है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मारपीट केवल महिला के साथ ही हुई है। उस वक्त महिला के परिवार का कोई भी सदस्य वंहा पर मौजूद नहीं था। सोशल मिडिया पर वीडियो जारी कर पुलिस ने कहा कि विवादित जमीन पैमाइश करवाकर फैसला करवा दिया गया है। जबकि उनकी यह सत्य नहीं है। मारपीट के अगले दिन पुलिस की मौजूदगी में उस जमीन की कई बार नाप हुई और हर बार विवादित जमीन ब्राह्मण परिवार की ही निकली। इसके बावजूद अभी तक उस जमीन पर दबंगो द्वारा अपना कब्ज़ा नहीं हटाया गया। वंहा पर अभी भी दबंग हरिजन परिवार ही काबिज है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि चौरी ग्राम पंचायत के पवन उर्फ़ रिंकू सिंह को अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने बाराबंकी का उपाध्यक्ष बनवाया हुआ है। जिसे अपना प्रतिनिधि भी बनाया है। जो लोगों से कहते फिरते हैं कि हम उस हरिजन को उस ब्राह्मण की जमीन पर काबिज करवा कर ही रहेंगे। नाप के वक्त वो भी मौजूद थे। और ब्राह्मण परिवार पर जमीन छोड़ने का दबाव डाल रहे थे। लोगों का मानना यह भी था कि बीजेपी के नेताओं के दबाव में ही आकर पुलिस ने पीड़ित महिला के खिलाफ मुकदमा लिखा है। जबकि पीड़ित परिवार भी बीजेपी का ही समर्थक हैं इस परिवार के मुखिया पिछले चुनाव में बीजेपी के बूथ अध्यक्ष भी रहे है.

पीड़ितों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि पड़ोसी और ग्रामीणों के आने पर सभी आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। जिसकी सूचना पुलिस को डायल 112 पर दी गई, लेकिन आरोपी घटना स्थल से भाग गए और पुलिस ने उन्हें थाने आने की सलाह दी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 34, 323, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।

वहीं पीड़िता की शिकायत के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने आरोपियों की शिकायत पर उल्टा पीड़ितों के खिलाफ ही विभिन्न धाराओं सहित एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया हैं।

राष्ट्र कुण्डलिनी न्यूज की टीम इस मामले को शुरुवात से कवर कर रही है। इस पूरे मामले को जानने के लिए हमारी पुरानी रिपोर्ट को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखिये-

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