76वें स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा

76वें स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा

15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। और हम आजाद हो गए थे। इसीलिए 15 अगस्त हम हर साल आजादी का पर्व मानते हैं। इस बार हमारी हमारी आजादी के 75 साल पूरे हो गए और हम ७६वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस लिए यह बहुत खास है। इस बार स्वतंत्रता दिवस को बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने…

Read More

कविता

कविता कभी रोने या धोने से दिक्कते कम नही होती लहू पानी करो आँसू से मिटटी नम नही होती तपन सूरज में होती है तो तपने लोग लगते हैं तपी हर चीज तो हर बार तापनी नही होती लहू पानी करो आँसू से मिटटी नम नही होती मिलोगे खाक में तो खाक अपने आप को कर दो हुए जो खाक न उनकी तो निशानी नहीं होती कभी रोने या धोने से दिक्कते कम नही होती…

Read More

कूल्हि कुकुरा जइहन कासी

कूल्हि कुकुरा जइहन कासी

बेखदी-बदी के बात भइल बकबक में सगरी रात गइल फेंकरत बाड़न सत्यानासी कूल्हि कुकुरा जइहन कासी॥   इहाँ-उहाँ ले झोंझ बन्हाता महिमा सगरों रोज गवाता फेंकत पासा बाड़न बासी कूल्हि कुकुरा जइहन कासी ॥   लुटलें खइलें गात बनवलें दिनही घुसि सेन्ह में गवलें सभके मालुम इनका रासी कूल्हि कुकुरा जइहन कासी ॥   नया-नया कुल ढोंग रचाता जहाँ-तहाँ बस झूठ बँचाता सोझवें देखीं लेत उबासी कूल्हि कुकुरा जइहन कासी ॥   रंग-रूप सनमान बिगड़लें…

Read More

कहSS! जवन कहै के बा

कहSS! जवन कहै के बा

मन कै टीस हिया कै पीर नगर-डगर के लागल तीर मन के दरद महै के बा। कहSS! जवन कहै के बा॥   दगहिल काहें बाS चुनरिया घर अँगने क फ़िरल नजरिया सभ अनकहल सहै के बा। कहSS! जवन कहै के बा॥   घर बहरा में मिली ताना छाहें नाही रखी जमाना अब अनमने रहै के बा। कहSS! जवन कहै के बा॥   फाँफर चचरा उमिर क बोझ हमरी खातिर केहु न सोझ आँखिन लोर बहै…

Read More