समय का सदुपयोग और महत्व

समय का सदुपयोग और महत्व

समय का सदुपयोग और महत्व. हर मनुष्य को वक्त का, छोटे से छोटे क्षण का मूल्य एवं महत्व समझना चाहिये। जीवन का वक्त सीमित है और काम बहुत है। आने से लेकर परिवार, समाज एवं राष्ट्र के दायित्वपूर्ण कर्त्तव्यों के साथ मुक्ति की साधना तक कामों की एक लम्बी शृंखला चली गई है। कर्त्तव्यों की इस अनिवार्य परम्परा को पूरा किये बिना मनुष्य का कल्याण नहीं।इसी कर्म-क्रम को इसी एक जीवन के सीमित वक्त से…

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मनुष्य जीवन में परिवार का महत्व

मनुष्य जीवन में परिवार का महत्व

मानव जीवन में परिवार से बड़ा दूसरा कोई धन नही होता है ।इसी तरह पिता से बड़ा दूसरा शुभचिन्तक व सलाहकार नही होता है । जितना सुख माता के गोद में उसके आँचल की छाँव में मिलता है उतना अलग नही मिलता है । भाई से बड़ा दूसरा कोई सहोदर और बहन से बड़ा कोई दूसरा शुभचिन्तक नही हो सकता है।धर्मपत्नी से बड़ा जीवन में कोई दोस्त नही होता है इसलिए परिवार के बिना जीवन…

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मनुष्य और मनुष्यता

मनुष्य और मनुष्यता

मनुष्य का मनुष्य के काम आना ही उसके मनुष्य होने का प्रमाण होता है जो मनुष्य होकर भी मनुष्य के काम न आवे उसे मनुष्य कहा ही नहीं जा सकता है। किसी कवि ने कहा भी है कि – “– मनुष्य वहीं है जो कि मनुष्य के लिये मरे”।आजकल मनुष्य के लिये मनुष्य का मरना तो दूर ढंग से उससे बात करने तक के लिये तैयार नहीं है।मनुष्य होने की पहचान मानी जाने वाली मनुष्यता…

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अपने तो अपने होते हैं

अपने तो अपने होते हैं

मनुष्य को जीवन में खुशी , राहत एवं चाहत अपनों से मिलती है। अपने तो अपने होते हैं चाहे वह घर परिवार के हो चाहे न हो।जो आपसे अपनत्व रखे वहीं अपने होते है इसलिए जीवन में इन अपनो से कभी रूठना नही चाहिए क्योंकि जीवन में मुस्कराहट भी अपनों से ही मिलती है। अपने हंसाते भी है और रूलाते भी हैं। जीवन में कोशिश करें कि किसी को आपसे कोई कष्ट न हो और…

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दुष्प्रवत्तियों के चंगुल में फंसा मनुष्य

दुष्प्रवत्तियों के चंगुल में फंसा मनुष्य

हम सभी इस संसार मे नंगे ही आये है और अंत मे कफन ही साथ जाता है।हम जीवन भर इसी चार गज कफन के लिए के दौडते रहते हैं ।यहाँ तक कि सारे वसूल सिद्धांत तोड़ देते हैं और मानवता से कोसो दूर भाग जाते हैं। न तो कभी अपने को अपनी नजर से देख पाते हैं और न ही कभी खुद को पहचान ही पाते हैं । कमाई की आपा धापी में कभी यह…

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राजा और राजधर्म

राजा और राजधर्म

राजगद्दी पर बैठकर राजधर्म को निभाना सरकार का धर्म होता है। बिना राजधर्म निभाये राजगद्दी पर बैठने वाला रंगे सियार की तरह होता है और समय आने पर जनता विद्रोह करके उसे गद्दी से नीचे उतार देती है।लोकतंत्र में राजनेता ही राजा का स्वरूप होता है और उसकी कैबिनेट के साथ मंत्री राजकाज में सहयोगी होते हैं। राजा की कैबिनेट भी उसी के आचरण के अनुकूल कार्य करती है।जबकि मंत्री एवं सहयोगियों का धर्म होता…

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अयोध्या में प्रधानमंत्री ने श्री रामलला विराजमान की पूजा की और भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत की

अयोध्या में प्रधानमंत्री ने श्री रामलला विराजमान की पूजा की और भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत की

अयोध्या में प्रधानमंत्री ने श्री रामलला विराजमान की पूजा की और भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत की . दीपावली की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत की। अयोध्या का दौरा किया और भगवान श्री रामलला विराजमान के दर्शन किये तथा उनकी पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर स्थल पर पवित्र परियोजना से जुड़े श्रमजीवियों तथा…

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दिवाली का त्योहार आज जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

दिवाली का त्योहार आज जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

दिवाली का त्योहार आज जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिवाली का महा पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जा रहा है। आज यानि 24 अक्टूबर 2022 को पूरे विश्व में हिन्दुओं का महा पर्व दिवाली मनाई जाएगी। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ताकि पूरा साल धन धान्य से भरा रहे। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली…

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करवाचौथ व्रत का महत्व एवं करवाचौथ व्रत कथा

करवाचौथ व्रत का महत्व एवं करवाचौथ व्रत कथा

करवाचौथ व्रत का महत्व एवं करवाचौथ व्रत कथा. हमारे देश मे व्रत एक नही अनेक होते है।इनमें महिलाओं के व्रत पुरूषो के व्रत की अपेक्षा अधिक कठोर होते हैं ।इन महिलाओं के व्रत में भी करवा चौथ, तिलवा, कजली तीज जैसे व्रत बहुत कठिन हैं । तिलवा का व्रत महिलाएँ पुत्र के कल्याणार्थ होता है जबकि कजली तीज व करवाचौथ का व्रत सुहाग के कल्याणार्थ होता है। इसमें सुबह से चन्द्रमा निकलने वह निराहार यहाँ…

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जीवन के मूल्यवान क्षणों का कैसे करें उपयोग

जीवन के मूल्यवान क्षणों का कैसे करें उपयोग

जीवन के मूल्यवान क्षणों का कैसे करें उपयोग क्या आप जानते हैं। अगर नहीं जानते है तो आये हम आपको बताते हैं कि पंडित श्रीरामशर्मा आचार्य ने हमें क्या बताया है। यदि आप रात्रि में दस बजे सोकर प्रातः सात बजे उठते हैं तो एक बार जरा पाँच बजे भी उठकर देखिए। अर्थात् व्यर्थ की निद्रा एवं आलस्य से दो घंटे बचा लीजिए। चालीस वर्ष की आयु तक भी यदि आप सात बजे के स्थान…

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