कांग्रेस और उसके सहयोगी पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बोलते : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री सिद्धगंगा मठ म्यूजियम की नींव रखी. नींव रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी।लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरु हुआ है. उन्होंने कहा पूज्य स्वामी श्री श्री शिवकुमार जी की भौतिक अनुपस्थिति हम सभी महसूस करते हैं। मैंने तो साक्षात अनुभव किया है कि उनके दर्शन मात्र से ही जीवन ऊर्जा से भर जाता था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व से, ये पवित्र स्थान दशकों से समाज को दिशा देता रहा है. उन्होंने कहा की अब ये हर भारतीय का मानस बन चुका है कि विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको हल करना ही होगा।समाज से निकलने वाला यही संदेश हमारी सरकार को प्रेरित भी करता है और प्रोत्साहित भी करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 2014 के बाद से ही सामान्य मानवीय के जीनव में सार्थक परिवर्तन लाने वाले अभूतपूर्व प्रयास भारत ने किए हैं।आज खुले में शौच से देश को मुक्त करने का संकल्प, गरीब बहनों को धुएं से मुक्ति का संकल्प और किसानों, छोटे व्यापारियों, श्रमिकों को पेंशन का संकल्प सिद्ध हो रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की रीति और नीति में बदलाव का संकल्प भी पूरा हो रहा है, जम्मू कश्मीर से 370 को हटाकर वहां से आतंक और अनिश्चितता को दूर करने का, वहां विकास के नए युग का संकल्प भी पूरा हो रहा है, कुछ हफ्ते पहले ही संसद ने CAA बनाने का ऐतिहासिक काम भी किया है।लेकिन कांग्रेस के लोग और उनके साथी दल और उनका बनाया इकोसिस्टम भारत की संसद के खिलाफ ही उठ खड़ा हुआ है। जैसी नफरत वो हमसे करते हैं, ऐसा ही स्वर अब देश की संसद के खिलाफ दिख रहा है, आज हर देशवासी के मन में सवाल है कि जो लोग पाकिस्तान से अपनी जान बचाने के लिए, अपनी बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए यहां आए हैं, उनके खिलाफ तो जुलूस निकाले जा रहे हैं लेकिन जिस पाकिस्तान ने उनपर ये जुल्म किया, उसके खिलाफ इन लोगों के मुंह पर ताले क्यों लगे हुए हैं. उन्होंने कहा की जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की हरकतों को बेनकाब करने की जरुरत है। अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए, आवाज उठानी चाहिए। अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसके खिलाफ नारे लगाइए। अगर आपको जुलूस निकालना ही है तो पाकिस्तान से आए दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए। उन्होंने कहा कि मैं आज संत समाज और आप सबसे 3 संकल्पों में सक्रिय सहयोग चाहता हूं। पहला- अपने कर्तव्यों और दायित्वों को महत्व देने की अपनी पुरातन संस्कृति को हमें फिर मजबूत करना है। दूसरा-प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा। तीसरा-जल संरक्षण और जल संचयन के लिए जनजागरण में सहयोग उन्होंने कहा भारत ने हमेशा संतों, ऋषियों और गुरुओं को सही मार्ग के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में देखा है। New India में भी सिद्दागंगा मठ और अध्यात्म एवं आस्था से जुड़े देश के हर नेतृत्व की भूमिका अहम है

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