मनुष्य जीवन में दोस्तों का महत्व

मनुष्य के जीवन में अनेको साथी शुभचिन्तक मिलते हैं लेकिन उनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो आपकी की देखभाल या खैर ख्वाह अधिक होते है।ऐसे लोगों को नजरअंदाज करना उचित नही होता है क्योंकि उन्हीं में हीरा जैसे अनमोल भी शामिल होते हैं। उन्हें खोने के बाद एक दिन ऐसा आता है जब तुम्हें अहसास होगा कि तुमने हीरा जैसा दोस्त शुभचिन्तक अनजाने में खो दिया हैं ।आज के बदलते परिवेश में मतलबी दोस्त बहुत मिलते हैं लेकिन असली दोस्त बड़ी भाग्य से मिलते है जिनका मिलना मिलना कठिन होता है ।

दोस्त अपने परिजनों से अधिक निकट और मुसीबत का साथी होते है। ऐसे दोस्त वक्त पड़ने पर दोस्ती में जान भी दे सकते हैं और दुश्मन की जान ले भी सकते है।कहा भी गया है कि “जो न मित्र दुख होय दुखारी तिन्ह बिलोकत पातक भारी”।मतलबी कभी दोस्त नहीं हो सकता है क्योंकि वह दोस्त के नाम पर कलंक रंगे सियार जैसा होता है।ईश्वर की दोस्ती सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है क्योंकि वह अपने दोस्त अथवा शुभचिन्तक अथवा हमेशा याद करने वाले पर हमेशा नजर रखकर उसके दुख सुख का सच्चा साथी होता है और मानव जीवन को धन्य बना देता है।

भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार / समाजसेवी
लेखक समीक्षक विचारक

Powered by myUpchar