राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद कृषि सुधार विधेयक पारित चर्चा के दौरान देखिये किसने क्या कहा
राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित किया गया।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया।
बिल को सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत्त करते हुए उन्होंने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक इस बात का भी प्रावधान करते हैं कि बुआई के समय ही जो करार होगा उसमें ही कीमत का आश्वासन किसान को मिल जाए। किसान की संरक्षण हो सके और किसान की भूमि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसका प्रावधान भी इन विधेयकों में किया गया है।
जिसके बाद इस बिल पर चर्चा शुरू हुई विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह ने कहा कि ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं।
राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान TMC सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन ने कहा कि आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी। पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती। मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं।
सपा सांसद राम गोपाल यादव कहा कि क्या यह उचित नहीं होगा पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में कि देश की 7 फीसदी लोगों को रोजी-रोटी देने वाले सेक्टर के बारे में जब आप बिल लाएं तो विपक्ष के नेताओं से भी बात करें और देश के तमाम संगठनों से बात करें।
राज्यसभा में YSRCP MP वी.वी. रेड्डी ने कहा, “कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। कांग्रेस मिडलमैन ‘दलालों’ की पार्टी है।” कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस MP आनंद शर्मा ने उनसे माफी की मांग की। डॉ. एल. हनुमनथैया ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
शिवसेना MP संजय राउत ने कहा कि आज आप जो बिल ला रहे हैं जिसमें आपने कहा कि ये किसान के हित में है। क्या आप देश को आश्वस्त कर सकते हैं कि ये जो तीन बिल हैं ये मंज़ूर होने के बाद क्या हमारे किसानों की आय सच में डबल हो जाएगी और एक भी किसान इस देश में आत्महत्या नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने कृषि बिल के बारे में कहा कि ये किसानों के लिए नई क्रांति है नई आज़ादी है। MSP और सहकारी खरीद की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी, ये सिर्फ अफवाह है। तो क्या अकाली दल के एक मंत्री ने अफवाह पर भरोसा रखकर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
राज्यसभा में MP अहमद पटेल ने कहा कि (भाजपा) वैसे तो पढ़ने लिखने में थोड़ा कम ही ये लोग जानते हैं लेकिन पहली बार घोषणापत्र में दिन और रात एक करके उसमें से कुछ चीज निकाली और अपने अध्यादेश से तुलना की कोशिश की। हमारा घोषणापत्र घोड़ा है लेकिन गधे के साथ इन्होंने तुलना करने की कोशिश की।
बिल पर चर्चा के दौरान TMC सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन और सदन के अन्य सदस्यों ने कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान वेल में प्रवेश किया। डेरेक ओ’ ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश को सदन की नियम पुस्तिका दिखाई।