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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित NIIO संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में हिस्सा लिया
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित NIIO (नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन) संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में हिस्सा लिया। जिसमे उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन सेमिनार का आयोजन होना, इस दिशा में अहम कदम है। 75 indigenous technologies का निर्माण एक तरह से पहला कदम है। हमें इनकी संख्या को लगातार बढ़ाने के लिए काम करना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि भारत जब अपनी आजादी के 100 वर्ष का पर्व मनाए, उस समय हमारी नौसेना एक अभूतपूर्व ऊंचाई पर हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का defence sector, आज़ादी से पहले भी काफी मजबूत हुआ करता था। आज़ादी के समय देश में 18 ordnance factories थीं, जहां artillery guns समेत कई तरह के सैनिक साजो-सामान हमारे देश में बना करते थे। दूसरे विश्व युद्ध में रक्षा उपकरणों के हम एक अहम सप्लायर थे। हमारी होवित्जर तोपों, इशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी मशीनगनों को श्रेष्ठ माना जाता था। हम बहुत बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट किया करते थे। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि एक समय में हम इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े importer बन गए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते दशकों की अप्रोच से सीखते हुए आज हम सबका प्रयास की ताकत से नए defence ecosystem का विकास कर रहे हैं। आज defence R&D को private sector, academia, MSMEs और start-ups के लिए खोल दिया गया है। अपनी पब्लिक सेक्टर डिफेंस कंपनियों को हमने अलग-अलग सेक्टर में संगठित कर उन्हें नई ताकत दी है। आज हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि IIT जैसे अपने premier institutions को भी हम defence research और innovation से कैसे जोड़ें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में हमने सिर्फ defence का बजट ही नहीं बढ़ाया है, ये बजट देश में ही defence manufacturing ecosystem के विकास में भी काम आए, ये भी सुनिश्चित किया है। रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बहुत बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है। बीते 4-5 सालों में हमारा defence import लगभग 21 प्रतिशत कम हुआ है। आज हम सबसे बड़े defence Importer के बजाय एक बड़े exporter की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे भी व्यापक हो गए हैं, युद्ध के तौर-तरीके भी बदल रहे हैं। पहले हम सिर्फ land, sea, sky तक ही अपने डिफेंस की कल्पना करते थे।अब दायरा space यानि अंतरिक्ष की तरफ बढ़ रहा है, cyberspace की तरफ बढ़ रहा है, आर्थिक, सामाजिक स्पेस की तरफ बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत ग्लोबल स्टेज पर खुद को स्थापित कर रहा है, वैसे-वैसे Misinformation, disinformation, अपप्रचार के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं। खुद पर भरोसा रखते हुए भारत के हितों को हानि पहुंचाने वाली ताकतें चाहे देश में हों या फिर विदेश में, उनकी हर कोशिश को नाकाम करना है। राष्ट्ररक्षा अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि बहुत व्यापक है। इसलिए हर नागरिक को इसके लिए जागरूक करना, भी उतना ही आवश्यक है।
Making India self-reliant in defence sector! Addressing the Naval Innovation and Indigenisation Organisation Seminar 'Swavlamban'. https://t.co/PNVYyGnYsu
— Narendra Modi (@narendramodi) July 18, 2022