रामजन्मभूमि विवाद आस्था का नहीं बल्कि जमीन का मामला : चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद रोजना सुनवाई चल रही है। पहले निर्मोही अखाड़े ने अपना पक्ष रखा तह और दावा किया था की विवादित जमीन पर उसका मालिकाना हक है। उसके बाद रामलला विराजमान के वकील अपना पक्ष रख रही हैं। आज यानी ६ अगस्त को सुनवाई का 9 दिन है। रामलला विराजमान के वकील अपना पक्ष रख रहे थे। उन्होंने स्कंध पुराण, रामायण , आदि ग्रंथो का जिक्र किया और कहा की की हमारे अनेक धार्मिक ग्रंथों मे इस स्थान को राम जन्म भूमि बताया गया है लोगों का विस्वास है की वंही पर भगवन राम पैदा हुए थे। उन्होंने कहा की हमारी जमीन पर अगर कोई कब्ज़ा करके कोई ढांचा खड़ा करे तो वह जमीं उसकी नहीं हो सकती। जज साहब भी लगातार सवाल कर रहे हैं उन्होंने पूछा की इसके कोई साबुत हैं क्या की बाबर ने ही मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था या मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाई गई थी। क्या भगवान राम के वंशज अभी हैं। इस बात को लेकर तो बहुत बहस हुई। कई जगहों से लोग दवा करने लगे की वो राम के वंशज है। रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि मंदिर हमेशा मंदिर ही रहता और उसकी संपत्ति कोकिसी को दिया नहीं जा सकता उन्होंने कहा की भगवन की मूर्ति किसी की संपत्ति नहीं है वह एक देवता है। रामलला विराजमान के वकील ने ASI की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया की वंहा पर पहले मंदिर था बाद मे मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई सबूत के तौर पर उन्होंने कहा की खुदाई में जो वंहापर शिलालेख में मगरमच्छ, कछुओं के चित्रों, हिन्दुधर्म के मन्त्र मिले हैं जिससे यह साबित होताह है की वंहा पर पहले एक मंडी था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। उन्होंने कहा है की स्कन्द पुराण में बताया गया है कि सरयू नदी में स्नान करने के बाद लोग जन्मस्थान का दर्शन करने जाया करते थे. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा आप जिस पुराण का जिक्र कर रहे है वो कब लिखा गया था तब रामलला विराजमान के वकील ने बताया की यह गुप्त वंश के शासन दौरान लिखा गया था. इस पर राजीव धवन ने कहा की अयोध्या के पास घाघरा नदी है जो सरयू की सहायक नदी है।

बतादें की रामलला विराजमान की बहस लगभग पूरी हो चुकी है चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आज कहा कि उनको पुख्ता सबूत चाहिए.उन्होंने कहा की हमें नक्शा दिखाएं या कुछ ऐसा दिखाइए की जिससे यह पता चले की यह जमीन आप की है। धर्मग्रंथो से इसका कोई लेना देना नहीं है।चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा की यह आस्था का नहीं बल्कि जमीन का मामला है.