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डोभाल जाने के बाद खाली हुआ मरकज़
दिल्ली के निजामुद्दीन के पास मौजूद मरकज को लोग खाली करने को राजी नहीं थे। पुलिस की लगातार चेतावनी के बाद भी जमात के लोग मरकज़ खाली नहीं कर रहे थे। जिसके बाद अजीत डोभाल जाने के बाद खाली हुआ मरकज़। आधी रात डोभाल ने मस्जिद के मौलाना साद को मनाकर मरकज़ को खाली कराया। मरकज से 2000 से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया है. इसमें से 617 लोगों के अंदर कोरोना के सिम्टम्स मिले हैं, जिन्हें हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा बाकी बचे लोगों को क्वारनटीन सेंटर ले जाया गया है. मरकज को आज तड़के करीब 3.30 बजे 5 दिन बाद खाली कराया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री के आग्रह पर डोभाल 28-29 मार्च की दरम्यानी रात 2 बजे मरकज पहुंचे। गृह मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि डोभाल ने मौलाना साद को समझाया और वहां मौजूद लोगों का कोविड-19 टेस्ट कराने को कहा साथ ही लोगों को क्वारंटीन में रखने की बात भी कही। जिसके बाद अजीत डोभाल जाने के बाद खाली हुआ मरकज़।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं सभी चिकित्साकर्मियों, डीटीसी कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर भी लगातार काम किया। इसके अलावां मनीष सिसोदिया ने कहा कि जो लोग भी मरकज में रहने वाले लोगों के संपर्क में आये उन्हें सामने से आकर बताना चाहिए। जिससे आगे कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि हमलोग ऐसे लोगों की सिनाख्त कर रहे हैं।
बतादें कि इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने मरकज आयोजन को गैर जिम्मेदाराना कदम बताया जिससे हजारों लोगों की जान दांव पर लग सकती है। उन्होंने कहा कि मरकज से डेढ हजार से अधिक लोगों को निकाल लिया गया है तथा इनमें से 24 मामलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित 441 लोगों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है और ग्यारह सौ से अधिक लोगों को क्वारेंटिन में रखा जा रहा है।
इसके अलावां तेलंगाना सरकार ने बताया है कि कोरोना का कारण मरकज़ में शामिल 6 लोगों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने इस समागम से लौटे लोगों को सामने आने को कहा। ऐसे लोगों का नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। सभी राज्य सरकारें मरकज में शामिल लोगों की तलाश में जुटी हैं।
कल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम के बाद भी करीब 1500-1700 लोग इस मरकज में जमा थे। अब तक इस मरकज से 1033 लोगों को निकाला जा चुका है और बाकी लोगों को भी निकालने का काम जारी है। निकाले गए लोगों में से 24 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। मरकज से निकाले गए लोगों में से 334 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और बाकी के करीब 700 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है।
निजामुद्दीन मरकज में मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, युनूस और मोहम्मद सलमान के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। मौलान साद 28 मार्च के बाद से लापता है। पुलिस ने उसे नोटिस भेजा है। साद की तलाश जारी है।