मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पीड़िता के परिवार से की बात विपक्ष सरकार ने सरकार को घेरा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज हाथरस पीड़िता के परिवार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की। और पीड़िता को न्याय दिलाने दिलाने की आस्वाशन दिया दिया। सरकार ने हाथरस पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ-साथ घर और परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक पद पर नौकरी की घोषणा की गई है। फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकदमें की सुनवाई और SIT की 3 सदस्यीय कमेटी द्वारा जांच को अनुमति दी गई है।
इस मामले में के सामने आने बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है. ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है. भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी.
मायावती ने ट्वीट कर लिखा यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
मायावती ने ट्वीट कर आगे लिखा अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।
प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर लिखा रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का .अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
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