नेपाल की संसद ने भारत के क्षेत्र को अपना बताने वाले मानचित्र को मंजूरी दी

नेपाल की संसद में आज नये नक्शे को पारित कर दिया जिसमें भारतीय क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इस नए मानचित्र में भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है। इस को मंजूरी दिलाने के लिए आज नेपाल की संसद में संविधान संशोधन बिल पर मतदान करने के लिए विशेष सत्र आयोजित किया गया। जिसमें उपस्थित 258 सदस्यों ने सर्व सम्मति से इस बिल को मंजूरी दी। विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन दिया।

निचले सदन में पारित होने के बाद अब इस विधेयक को नेपाल की नेशनल असेंबली में भेजा जाएगा जहां उसे एक बार फिर इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पास नेशनल असेंबली में दो तिहाई बहुमत है। इस लिए यह बिधेयक आसानी से पारित हो जायेगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा।

नेपाल के इस कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इस मामले में अपना पक्ष साफ कर चुके हैं। इस तरह का कृत्रिम विस्तार ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। यह कदम सीमा मुद्दे पर आपसी बातचीत और समझ के खिलाफ भी है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “हमने इन विषयों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है. भारत नेपाल के साथ अपने सांस्कृतिक और दोस्ताना संबंधों को गहरी अहमियत देता है.”