अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र जी की 89वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की

अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र जी की 89वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की . समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज वरिष्ठ समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र जी की 89वीं जयंती पर गोमतीनगर, लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क में स्थापित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। जनेश्वर मिश्र पार्क में बड़ी संख्या में एकत्र सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अखिलेश यादव ने कहा कि जनेश्वर मिश्र आजीवन गरीबों, किसानों और नौजवानों के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने सभी के साथ समानता का व्यवहार किया। संसद में उनको सभी शांति से सुनते थे। समाजवादी पार्टी उनके ही आदर्शो पर चल रही है।

जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद अखिलेश यादव ने लगभग 4 सौ एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क का भ्रमण किया। यह पार्क लंदन के हाइड पार्क की तुलना में बेहतर और बड़ा भी है। यह पार्क इस समय अव्यवस्था का शिकार हो गया है। समाजवादी सरकार के समय यहां सबसे ऊंचा झंडा स्थापित हुआ था। आज इसके चबूतरे भी टूटे हैं। रख-रखाव बहुत खराब है। यहां बनी झील में नौका विहार की व्यवस्था भी ध्वस्त है। कीमती नावों का पता नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि जनेश्वर मिश्र पार्क को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है। यहां हर तरफ अव्यवस्था का राज हैं।

समाजवादी सरकार ने जनेश्वर मिश्र पार्क में आने वालों के बैठने के लिए लिए जो बेंचे लगवायी थी, उन्हें भाजपा-आरएसएस वालों ने तोड़ दिया है। एलईडी बंद है। बच्चों के झूले भी टूट गए हैं। पार्क में चीड़ के वृक्षों से रौनक है, ये हिमालय पर पाये जाने वाले पेड़ है, बाथरूम गंदे हैं। यह उपेक्षा भाजपा ने इसलिए की कि यह जनेश्वर मिश्र पार्क समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा बनाया गया था। भाजपा की विपक्ष के प्रति बदले की भावना का यह एक और शर्मनाक उदाहरण है।

अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र जी की 89वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की . अखिलेश यादव ने आज समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र जी की जयंती पर जनेश्वर मिश्र पार्क में सम्बोधित करते हुए कहा कि 15 हजार करोड़ की लागत से बने जिस बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे का प्रधानमंत्री जी ने उद्घाटन किया था वह पहली बारिश में ही ढह गया। इसकी जांच ईडी या सीबीआई से कब होगी? उन्होंने कहा कि पूरे देश को समझना चाहिए कि आरएसएस और भाजपा एक ही है। नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय पर पांच दशक तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया। समाजवादियों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में सबसे ऊंचा तिरंगा झंडा सम्मान के साथ लगवाया था।

अखिलेश यादव ने आशंका जताई कि भाजपा तिरंगा यात्रा के साथ दंगा भी करवा सकती है। कासगंज में पिछले समय तिरंगा यात्रा में दंगा हुआ था। कासगंज में भाजपा ने कासगंज में भाजपा ने ही हिन्दू-मुसलमान के नाम पर दंगा कराया था। भाजपा ने हमेशा पिछड़ो, दलितों और खासकर मुसलमान भाइयों को धोखा देने का काम किया है। भाजपा बांटने की राजनीति करती है। समाजवादी सरकार बनने पर जातीय जनगणना कराई जाएगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की जब सरकार आती है, महंगाई बढ़ा देती है। देश में इतनी महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार कभी नहीं था। आज हर चीज के दाम बढ़ गए है। दूध, दही, घी, पर कभी टैक्स नहीं लगा था, भाजपा ने उस पर जीएसटी लगाकर महंगा कर दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि देश में 22 करोड़ युवाओं ने नौकरी के लिए फार्म डाला लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। सरकार बताए कि अग्निवीर योजना में कितने नौजवानों को नौकरी दी गई। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा पुलिस हिरासत में मौतें हुई है। कानून व्यवस्था नाम की राज्य में कोई चीज नहीं। लूट, अपहरण, हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं प्रतिदिन घट रही है। सबका साथ सबका विकास धोखा है।

मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा नोटिसें दे चुका है इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का बुलडोजर चलना बंद नहीं हो रहा है। ऐसे हालात में उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश कैसे आएगा? एशिया का सबसे बड़ा लूलू माल समाजवादी सरकार के समय का निवेश है, भाजपा का नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के पास सूझबूझ नहीं है कि एक ट्रिलियन इकानॉमी कैसे आए? जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा डिजिटल फ्रॉड होते हैं, वहां निवेश कैसे आएगा?

इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, विधायक रविदास मेहरोत्रा, पूर्व एमएलसी अरविन्द कुमार सिंह एवं राजेश यादव, कोषाध्यक्ष राज कुमार मिश्र सहित आर.के. चौधरी, श्रीमती मीरा वर्धन, फिदा हुसैन अंसारी, राजू गांधी, पूजा शुक्ला, विकास यादव, सुशील दीक्षित, मुकेश शुक्ला, सूरज सिंह, विजय सिंह, रामसागर यादव, जयसिंह जयंत, दिग्विजय सिंह देव, देवेन्द्र सिंह जीतू पार्षद, नवीन धवन बंटी, अरविन्द गिरि, मोनू कन्नौजिया, बंदना चतुर्वेदी, अशोक यादव, विदेश पाल, पवन मनोचा, सौरभ यादव, डॉ हमजा बिलाल, राजेन्द्र यादव, सागर धानुक, डॉ0 प्रदीप पाण्डे, काशीराम रावत, शब्बीर खान, प्रदीप सिंह पन्नू, प्रेम चंद्र, इब्राहिम मंसूरी, आलोक त्रिपाठी, मनोज यादव, एस.के. राय, राबिन सिंह, सर्वेश यादव, चन्द्रिका पाल, आदेश यादव, गजाला लारी, मनोज यादव, अमित त्रिपाठी, दिलशेर, रामसुन्दर, भारत यादव, नागेन्द्र सिंह प्रधान, समीर सिंह, अमरनाथ यादव, सुरेन्द्र बाल्मीकि, जयराम कन्नौजिया, हरिश्चन्द्र लोधी, ऐनुद्दीन, प्रेमलता यादव, लता जायसवाल, आशा यादव, अर्चना रावत, लक्ष्मी यादव, रजनी पटेल, मंजू यादव, पूनम यादव, सरोज यादव, साजिद अली, एडवोकेट निकहत सिद्दीकी आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।