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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा मुझे भरोसा है कि जैसे हरि सबके होते हैं, वैसे ही सदन के हरि भी पक्ष-विपक्ष सबके रहेंगे
हरिवंश नारायण सिंह आज राज्यसभा के उप-सभापति निर्वाचित हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं श्रीमान हरिवंश जी को दूसरी बार इस सदन का उपसभापति चुने जाने पर पूरे सदन और सभी देशवासियों की तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा मुझे भरोसा है कि जैसे हरि सबके होते हैं, वैसे ही सदन के हरि भी पक्ष-विपक्ष सबके रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सामाजिक कार्यों और पत्रकारिता की दुनिया में हरिवंश जी ने जिस तरह अपनी ईमानदार पहचान बनाई है, उस वजह से मेरे मन में हमेशा उनके लिए बहुत सम्मान रहा है। मैंने महसूस किया है हरिवंश जी के लिए जो सम्मान और अपनापन मेरे मन में है, इन्हे करीब से जानने वाले लोगों के मन में है, वही अपनापन और सम्मान आज सदन के हर सदस्य के मन में भी है। ये भाव, ये आत्मीयता हरिवंश जी की अपनी कमाई हुई पूंजी है। उनकी जो कार्यशैली है, जिस तरह सदन की कार्यवाही को वो चलाते हैं, उसे देखते हुए ये स्वाभाविक भी है। सदन में निष्पक्ष रूप से आपकी भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, इस बार ये सदन अपने इतिहास में सबसे अलग और विषम परिस्थितियों में संचालित हो रहा है। कोरोना के कारण जैसी परिस्थितियां हैं, उनमें ये सदन काम करे, देश के लिए जरूरी जिम्मेदारियों को पूरा करे, ये हम सबका कर्तव्य है। मुझे विश्वास है कि हम सब सारी सतर्कता बरतते हुए, सारे दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, अपने कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यसभा के सदस्य, सभापति जी अब उपसभापति जी को सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाने में जितना सहयोग करेंगे, उतना ही समय का सदुपयोग होगा और सभी सुरक्षित रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, संसद के उच्च सदन की जिस जिम्मेदारी के लिए हरिवंश जी पर हम सबने भरोसा जताया था। हरिवंश जी ने उसे हर स्तर पर पूरा किया है। मैंने पिछली बार अपने संबोधन में कहा था, मुझे भरोसा है कि जैसे हरि सबके होते हैं, वैसे ही सदन के हरि भी पक्ष-विपक्ष सबके रहेंगे। सदन के हमारे हरि, हरिवंश जी, इस पार और उस पार सबके ही समान रूप से रहे, कोई भेदभाव नहीं कोई पक्ष-विपक्ष नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने ये भी कहा था कि सदन के इस मैदान में खिलाड़ियों से ज्यादा अंपायर परेशान रहते हैं। नियमों में खेलने के लिए सांसदों को मजबूर करना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। मुझे तो भरोसा था कि अपंयारी अच्छी करेंगे लेकिन जो लोग हरिवंश जी से अपरिचित थे, हरिवंश जी ने अपनी निर्णायक शक्ति, अपने फैसलों से उन सबका भी भरोसा जीत लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, हरिवंश जी ने अपने दायित्व को कितनी सफलता से पूरा किया है, ये दो साल इसके गवाह हैं। सदन में जिस गहराई से बड़े-बड़े विधयकों पर पूरी चर्चा कराई, उतनी ही तेजी से बिल पास कराने के लिए हरिवंश जी कई-कई घंटों तक लगातार बैठे रहे, सदन का कुशलता से संचालन करते रहे। इस दौरान देश के भविष्य को, देश की दिशा को बदलने वाले अनेको ऐताहासिक बिल इस सदन में पास हुए। पिछले साल ही इस सदन ने दस साल में सर्वाधिक productivity का रिकॉर्ड कायम किया। वो भी तब जब पिछला साल लोकसभा के चुनावों का साल था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये हरेक सदस्य के लिए गर्व की बात है कि सदन में productivity के साथ-साथ positivity भी बढ़ी है। यहां सभी खुलकर अपनी बात रख पाए। सदन का कामकाज नहीं रुके, स्थगन हो, इसका निरंतर प्रयास देखा गया है। इससे सदन की गरिमा भी बढ़ी है। संसद के उच्च सदन से यही अपेक्षा संविधान निर्माताओं ने की थी। लोकतंत्र की धरती बिहार से जेपी और कर्पूरी ठाकुर की धरती से, बापू के चंपारण की धरती से जब कोई लोकतंत्र का साधक आगे आकर जिम्मेदारियों को संभालता है तो ऐसा ही होता है जैसा हरिवंश जी ने करके दिखाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब आप हरिवंश जी के करीबियों से चर्चा करते हैं तो पता चलता है कि वो क्यों इतना जमीन से जुड़े हुए हैं। उनके गांव में नीम के पेड़ के नीचे स्कूल लगता था, जहां उनकी शुरूआती पढ़ाई हुई थी। जमीन पर बैठकर जमीन को समझना, जमीन से जुडने की शिक्षा उन्हें वहीं से मिली थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी ये भलीभांति जानते हैं कि हरिवंश जी जयप्रकाश जी के ही गांव सिताब दियारा से आते हैं। यही गांव जयप्रकाश जी की भी जन्मभूमि है। दो राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार के तीन जिलों आरा, बलिया व छपरा में बंटा हुआ क्षेत्र, दो नदियां गंगा और घाघरा के बीच स्थित दियारा, टापू जैसा, हर साल जमीन बाढ़ से घिर जाती थी, बमुश्किल एक फसल हो पाती थी। तब कहीं जाने-आने के लिए सामान्य रूप से नदी नाव से पार करके ही जाया जा सकता था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संतोष ही सुख है, यह व्यावहारिक ज्ञान हरिवंश जी को अपने गांव के घर की परिस्थिति से मिला। वो किस पृष्ठभूमि से निकले हैं, इसी से जुड़ा एक किस्सा मुझे किसी ने बताया था। हाई स्कूल में आने के बाद हरिवंश जी की पहली बार जूता बनाने की बात हुई थी। उससे पहले न उनके पास जूते थे और न ही खरीदे थे। ऐसे में गांव के एक व्यक्ति जो जूता बनाते थे, उनको हरिवंश जी के लिए जूता बनाने के लिए कहा गया। हरिवंश जी अक्सर उस बनते हुए जूते को देखने जाते थे कि कितना बना। जैसे बड़े रईस लोग अपना बंगला बनता है तो बार-बार देखने के लिए जाते हैं; हरिंवश जी अपना जूता कैसा बन रहा है, कहां तक पहुंचा है, वो देखने के लिए पहुंच जाते थे। जूता बनाने वाले से हर रोज सवाल करते थे कि कब तक बन जाएगा। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हरिवंश जी जमीन से इतना क्यों जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जेपी का प्रभाव उनके ऊपर बहुत ही था। उसी दौर में उनका किताबों से भी लगाव बढ़ता गया। उससे भी जुड़ा एक किस्सा मुझे पता चला। हरिवंश जी को जब पहली सरकारी scholarship मिली तो घर के कुछ लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि बेटा scholarship का पूरा पैसा लेकर घर आएगा। लेकिन हरिवंश जी ने scholarship के पैसे घर न ले जाने के बजाय किताबें खरीदीं। तमात तरह की संक्षिप्त जीवनियां, साहित्य, यही घर लेकर गए। हरिवंश जी के जीवन में उस समय किताबों को जो प्रवेश हुआ वो अब भी उसी तरह बरकरार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, करीब चार दशक तक सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता करने के बाद हरिवंश जी ने 2014 में संसदीय जीवन में प्रवेश किया था। सदन के उपसभापति के तौर पर हरिवंश जी ने जिस तरह मर्यादाओं का ध्यान रखा, संसद सदस्य के तौर पर भी उनका कार्यकाल उतना ही गरिमापूर्ण रहा है। बतौर सदस्य तमाम विषयों, चाहे वो आर्थिक हो या सामरिक सुरक्षा से जुड़े हरिवंश जी ने अपनी बात प्रभावी ढंग से रखी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं शालीन लेकिन सारगर्भित ढंग से बात रखना उनकी पहचान है। सदन के सदस्य के तौर पर उन्होंने अपने उस ज्ञान, अपने उस अनुभव से देश की सेवा का पूरा प्रयास किया है। हरिवंश जी ने सभी अंतरराष्ट्रीय पटलों पर भारत की गरिमा, भारत के कद को बढ़ाने का काम भी किया है। चाहे वो Inter-parliamentary union की तमाम बैठकें हों या फिर दूसरे देशों में भारतीय संस्कृति प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर भूमिका का निर्वाह हो। हरिवंश जी ने ऐसी हर जगह भारत और भारत के संसद का मान बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, सदन में उपसभापति की भूमिका के अलावा हरिवंश जी राज्यसभा की कई समितियों के अध्यक्ष भी रहे। ऐसी तमाम समितियों के अध्यक्ष के तौर पर हरिवंश जी ने समितियों के कामकाज को बेहतर बनाया है, उनकी भूमिका को प्रभावी ढंग से रेखांकित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने पिछली बार भी ये बताया था कि हरिवंश जी कभी बतौर पत्रकार हमारा सांसद कैसा हो, ये मुहिम चलाते रहे हैं। सांसद बनने के बाद उन्होंने इस बात के लिए भरपूर प्रयत्न किया कि सभी सांसद अपने आचार-व्यवहार से और कर्तव्यनिष्ठ बनें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभापति महोदय, हरिवंश जी संसदीय कामकाज और जिम्मेदारियों के बीच भी एक बुद्धिजीवी और विचारक के तौर पर भी उतना ही सक्रिय रहते हैं । आप अभी भी देशभर में जाते हैं। भारत के आर्थिक, सामाजिक, सामरिक और राजनीतिक चुनौतियों के बारे में जनमानस को जागरूक करते हैं। इनके अंदर का पत्रकार, लेखक ज्यों का त्यों बना हुआ है। इनकी किताब हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमान चंद्रशेखर जी के जीवन को बारीकी से उभारती है, साथ ही, हरिवंश जी की लेखन क्षमता को भी प्रस्तुत करती है। मेरा और इस सदन के सभी सदस्यों का सौभाग्य है कि उपसभापति के रूप में हरिवंश जी का मार्गदर्शन आगे भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माननीय सभापति जी, संसद का ये उच्च सदन 250 सत्रों से आगे की यात्रा कर चुका है। ये यात्रा लोकतंत्र के तौर पर हमारी परिपक्वता का प्रमाण है। एक बार फिर से हरिवंश जी आपको इस महत्वूर्ण और बड़ी जिम्मेदारी के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं। आप स्वस्थ रहें और सदन में भी स्वस्थ माहौल बनाए रखते हुए एक उच्च सदन से जो उम्मीदें हैं उन्हें पूरा करते रहें। हरिवंश जी को मुकाबला देने वाले मनोज झा जी को भी मेरी तरफ से शुभकामनाएं। लोकतंत्र की गरिमा के लिए चुनाव की ये प्रक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। हमारा बिहार भारत की लोकतांत्रिक परम्परा की धरती रहा है। वैशाली की उस परंपरा को, बिहार के उस गौरव को, उस आदर्श को हरिवंश जी इस सदन के माध्यम से आप परिष्कृत करेंगे ऐसे मुझे विश्वास है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं सदन के सभी सम्मानित सदस्यों को चुनाव की इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए धन्यवाद अर्पित करता हूं। एक बार फिर से हरिवंश जी को, सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई।