सोनिया गांधी ने 7 राज्यों के CM के साथ जीएसटी मुआवजा सहित NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर बैठक की

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आज 7 गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। जिसमे जीएसटी मुआवजा सहित NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर बातचीत की। इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि जीएसटी मुआवजा एक बड़ा मुद्दा लग रहा है। संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार समय पर राज्यों को मुआवजा दिया जाना महत्वपूर्ण है और ऐसा नहीं हो रहा है। बकाया जमा हो गए हैं और राज्य का वित्त बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि जीएसटी को सहकारी संघवाद के उदाहरण के रूप में लागू किया गया था। यह अस्तित्व में आया, क्योंकि राज्यों ने बड़े राष्ट्रीय हित में कराधान की अपनी संवैधानिक शक्तियों को त्यागने पर सहमति व्यक्त की और 5 वर्षों के लिए अनिवार्य जीएसटी मुआवजे का वादा किया। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त 2020 को वित्तीय स्थायी समिति की बैठक में वित्त सचिव, भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि केंद्रीय सरकार वर्तमान वर्ष के लिए 14% जीएसटी के अनिवार्य मुआवजे का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि राज्यों को मुआवजा देने से इनकार करना मोदी सरकार की ओर से विश्वासघात है। राज्य सरकारों और भारत की जनता के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एकतरफा उपकरों से मुनाफाखोरी जारी है, जो राज्यों के साथ साझा करने योग्य नहीं हैं। इसके अलावा, कृषि विपणन पर राज्यों के परामर्श के बिना अध्यादेश जारी किए गए।

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहले ही इस बात पर प्रकाश डाल चुके हैं कि यह कैसे MSP को नष्ट करेगा तथा PDS पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि EIA मसौदा 2020 की अधिसूचना, जो कि गंभीर लोकतंत्र विरोधी है, के खिलाफ भी विरोध है। पर्यावरण, आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बने कानूनों को कमजोर किया जा रहा है। कोयला खदानों की नीलामी पर भी कुछ मुख्यमंत्रियों ने आपत्ति जताई है।

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी घोषणाएँ हैं, जो वास्तव में हमें चिंतित कर रही हैं। यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए एक रुकावट है। छात्रों की अन्य समस्याओं और परीक्षाओं जैसी समस्याओं के साथ लापरवाही से निपटा जा रहा है।

बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को लगता है कि वो NEETऔर JEE की परीक्षा को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी तो हम(राज्य सरकारें) संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। जबकि झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले हमें प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें फैसला करना चाहिए कि हमें केंद्र सरकार से डरना है या लड़ना है। ठाकरे ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जोरदार तरीके से अपनी आवाज उठानी चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार हमारी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। हमें आपत्ति आने पर ही नहीं ऐसे भी मिलते रहना चाहिए।