स्वच्छ भारत अभियान को मुह चिढ़ाती विकासखंड सिद्धौर की ग्राम पंचायत नकटा सेहरिया

बाराबंकी से श्रवण चौहान की रिपोर्ट : बाराबंकी में चाहे कागजों पर भले ही स्वच्छ ग्राम पंचायतों को दिखाया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि हर एक ग्राम पंचायत में गंदगी का अंबार लगा हुआ है ताजा मामला बाराबंकी के विकासखंड सिद्धौर की ग्राम पंचायत नकटा सेहरियाया का है जहां बारिश के चलते ग्रामीणों का निकलना दुश्वार हो गया है सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान पति से की लेकिन ग्राम प्रधान पति बिंदु पाल वर्मा अपने रंग में रंगे हुए नजर आते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण कराया गया है लेकिन उन शौचालयों को ग्रामीण उपयोग में नहीं ले रहे। क्योंकि ये शौचालय मानक पर बने ही नहीं है। तो वहीं यह भी देखा जाता है कि वही ऐसे शौचालय है जिसमें गड्ढे का निर्माण ही नहीं हुआ है लेकिन कागजों पर यह जरूर दिखाया गया है कि इस ग्राम पंचायत में ग्रामीण शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं। तो वहीं जगह-जगह गंदगी का अंबार भी लगा हुआ है.

इस ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी ग्राम प्रधान के यहां जी हुजूरी करते हुए आए दिन नजर आया करता है। लेकिन सफाई के नाम पर कुछ नहीं करता तो वहीं दूसरी तस्वीर भी देखी जाती है. कि इस ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी होटलों पर चाय पीते हुए मस्ती करता हुआ नजर आता है । ग्रामीण दयाशंकर राम लखन लक्ष्मण दिनेश जसवंत का कहना है, कि ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान हम लोगों के साथ गिरा व्यवहार करते हैं क्योंकि हम लोग हरिजन होने के चलते उनसे ज्यादा बात नहीं कर पाते लेकिन ग्राम प्रधान पति से अगर अपनी समस्या के बारे में जानकारी देते हैं तो वह आजकल बता कर कोई काम नहीं करते।

इतना ही नहीं दिनेश कुमार के घर पर लगे नल के पास से 25 मीटर का रास्ता है जो प्रधान द्वारा कई बार कार्य योजना में डाला गया लेकिन उसके बावजूद भी उस का कोई निवारण नहीं हुआ इतना ही नहीं सिद्धौर ब्लॉक के सहायक अधिकारी को भी 2 माह पहले लिखित प्रार्थना पत्र देकर रास्ते की मांग की गई थी लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी व सहायक अधिकारी एवं ग्राम प्रधान की मनमानी से कोई सुनवाई नहीं हुई दिनेश के घरवालों द्वारा जब इस रास्ते के विषय में ग्राम प्रधान से बात की जाती है तो कार्य योजना बताकर बात को रफूचक्कर कर देते हैं देखने वाली बात यह है कि मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं