उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 5156 नए मामले सामने आए सक्रिय मामलों की संख्या 49645 हुई

उत्तर प्रदेश के अमित मोहन प्रसाद (अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्र कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 5156 नए मामले सामने आए हैं। इस समय प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 49645 है। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को एक्टिव केसों की कुल संख्या 51537 थी। पिछले तीन दिनों में एक्टिव केसों की संख्या लगभग 2000 कम हुई है।

अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब उपचार के बाद ठीक होकर डिस्चार्ज लोगों की संख्या 1,15,227 हो गई है। इसी के साथ रिकवरी का प्रतिशत भी बढ़कर 68.78% हो गया है। कल 5620 कोरोना के मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 2638 लोगों की मौत हो चुकी है जो कुल संक्रमित व्यक्तियों का 1.57% है।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश में 1,07,768 सैंपल्स की जांच की गई। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश टेस्टिंग में 40 लाख की संख्या पार करने वाला पहला राज्य बन गया है। अब तक प्रदेश में 40,75,174 टेस्ट किए जा चुके हैं।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है, जहां पर इंफ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध रहते हैं। यहां पर प्रारम्भिक स्क्रीनिंग की जाती है। इसके साथ ही कोरोना वायरस के संबंध में व्यापक जन जागरूकता के प्रसार में इसकी बड़ी भूमिका है। संक्रमण से बचाव के लिए अपने हाथ, साबुन-पानी से बार-बार धुलते रहें, लोगों से दो गज की दूरी मेनटेन करके रखें, अपने मुंह और नाक को मास्क, रूमाल, कपड़े, दुपट्टे आदि से ढक कर रखिए।

अवनीश कुमार अवस्थी (यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह ) ने बताया कि अब तक 65 करोड़ 29 लाख रु. चेकिंग से वसूला जा चुका है। 2,287 फेक न्यूज़ के मामलों पर कार्रवाई की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा समस्त जनपदों को कोविड-19 के उपचार के संबंध में ₹3 से 5 करोड़ अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराए गए हैं। जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपद में इस धनराशि से कोविड-19 के उपचार की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सभी मेडिकल काॅलेज अपने बजट से कोविड-19 की उपचार संबंधी औषधियां एवं अन्य आवश्यक सामग्री क्रय करें। उन्होंने कहा है कि मेडिकल काॅलेजों को उपलब्ध कराई गई धनराशि का पूरा उपयोग मरीजों के बेहतर इलाज के लिए किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा है कि इस कार्य में यदि उदासीनता बरती गई तो संबंधित प्रिंसिपल की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी दशा में दवाओं के अभाव में मरीज का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए।