गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने पर किसने क्या कहा

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दिया। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पांच पन्नों का पत्र लिख कर अपना इस्तीफा सौपा। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।” इसके अलावां उन्होंने राहुल गाँधी पर कई बड़े सवाल खड़े किये हैं। आइये जानते हैं गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने पर किसने क्या कहा.

गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने पर किसने क्या कहा

गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “ग़ुलाम नबी आज़ाद जी के फ़ैसले और वक्तव्य को पढ़कर मुझे अफ़सोस है। कांग्रेस ने उनको सम्मान और पहचान दी। 42 साल से वह बिना पद के नहीं रहे – उनके शब्द अनुचित हैं, मेरी समझ से परे हैं”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ग़ुलाम नबी आज़ाद को मान-सम्मान दिया, 42 साल पद पर रखा, उसके बाद भी ऐसा व्यवहार कर इस्तीफा देना अनुचित है, समझ से परे है। ऐसे समय में, जब कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी चेकअप के लिए विदेश गई हैं, तब पत्र लिखना संवेदनहीनता है, मानव स्वभाव के खिलाफ है। कांग्रेस ने गुलाम नबी आज़ाद को बहुत अवसर दिए, अपने राजनीतिक जीवन में हर समय पद पर रहे। कांग्रेस ने ही हम सभी को पहचान दी है

गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन…यह संयोग नहीं सहयोग है !

लाब नबी आजाद के इस्तीफे पर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वह कांग्रेस में रहकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी ने उनको वह सारी ज़िम्मेदारियां दी जो दी जा सकती थीं लेकिन फिर भी वे खामियां निकालते रहे। उनके जाने से पार्टी को कुछ नुकसान नहीं होगा।

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस आज मुसीबत में है, सबको भाजपा और RSS के खिलाफ लड़ना है। लड़ाई के समय युद्ध से भागना पार्टी के साथ धोखा है। पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया है। ऐसे समय में आपका फर्ज़ है उस कर्ज़ को चुकाना।

भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि ये कांग्रेस को अपनी कमजोरियों को देखने का समय है। क्यों आज इतने बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर गए? इस पर विचार करने के बजाय कांग्रेस एक ही बात कर रही है कि उन्होंने धोखा दिया है। मैंने जो-जो बातें कही थी उन सब पर गुलाम नबी आज़ाद साहब ने मुहर लगा दी है। गुलाम नबी आज़ाद का इस्तीफा अंत की शुरूआत है। ये सिलसिला चलता चला जाएगा। कांग्रेस का अंत अभी और गति पकड़ेगा।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि आज ऐसी क्या बात हो गई की वह नाराज़ हो गए? किसी बात पर उठकर चले जाना ठीक नहीं है। हमारी पार्टी की जो सोच है और अगर उस सोच को भुलाकर अगर कोई एक दम से नया रास्ता अपना रहा है, उसको वह रास्ता मुबारक। हम जैसे लोग पार्टी से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर इनके करियर पर हम नज़र दौडाएं तो बहुत बार इन्होंने ऐसी बात कही होंगी और हर बार इनको कुछ मिलता था। अगर एक बार नहीं मिला तो वह नाराज़ हो गए। मैं नहीं समझता कि अगर मुझे कुछ नहीं मिला तो मैं पार्टी को नुकसान पहुंचाऊं।

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर हिमाचल प्रदेश CM जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। इससे मालूम होता है कि कांग्रेस अब डूबता हुआ जहाज है। उनका कहना है कि अनुभवहीन लोग राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीब हैं जो उनको गुमराह करते हैं।

गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ज़ाहिर है कि वे बहुत आहत हुए होंगे। इस स्थिति को आने से बचाई जा सकती थी और यह बात समय-समय पर बताई भी गई।हम निरंतर कमज़ोर होते जा रहे हैं। हमारा यही लक्ष्य रहा है कि राय मशवरा करके उसको हम सुधार सकें।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए (इस्तीफे) पत्र में काफी समानता हैं। सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जो अब तक विफल रहा है। इस वजह से जो नेता पार्टी के लिए वफ़ादार थे वह पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। मैंने 2015 में ही कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रह जाएंगे… राहुल गांधी भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।

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