लखनऊ: कृष्णा नगर में 32 वर्षीय वकील शिशिर त्रिपाठी की कल देर रात हुई हत्या दो आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ में बुधवार को एक अधिवक्ता की नृशंस हत्या का हुई है. जिसके बाद प्रदेश में कानून व्यस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे है। आखिर कोई व्यक्ति किसी को कैसे गोली मार सकता है ऐसा लगता है की राजधानी में पुलिस का इक़बाल ख़तम हो गया है।पुलिस मान रही है कि यह हत्या पुरानी रंजिश के चलते हुई है लेकिन मृतक के पिता ने गांजा तस्करी से जुड़े लोगों पर हत्या का शक जताया है। वहीं पुलिस की खराब कार्यप्रणाली से नाराज मृतक के वकील साथियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में शव रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफप्रदर्शन किया।

यह मामला अब राजनितिक रंग लेने लगा है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव मौके पर पहुंच कर परिवार से मिले। और सरकार से 50 लाख की सहायता देने की मांग की उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत ख़राब है। मै सरकार से मांग करता हूँ की पीड़ित परिवार को 50 रूपये दे।
इसके अलावां कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया “सोराँव के विजयशंकर तिवारी और शामली के अजय पाठक की हत्या के बाद अब लखनऊ में अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई। क्या प्रदेश पूरी तरह से अपराधियों के हाथ में है? भाजपा सरकार कानून व्यवस्था के बारे में पूरी तरह फेल है”। मामले राजनितिक रंग लेने के बाद इंस्‍पेक्‍टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह को तत्‍काल सस्पेंड कर दिया गया। घटना को अंजाम देने वाले मुख्‍य आरोपित समेत दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह मामला कृष्णानगर थाना क्षेत्र के दामोदरनगर इलाके का है। यहां शिशिर त्रिपाठी (32) पिता गोपी चंद्र व बड़े भाई शरद त्रिपाठी के साथ रहते थे। मृतक के बड़े भाई शरद त्रिपाठी ने बताया कि गांजा तस्‍कर मोनू तिवारी नामक युवक से छोटे भाई की रंजिश चल रही थी।पहले भी उसने मरने की धमकी दी थी।मृतक के पिता ने बताया कि मंगलवार शाम करीब पांच बजे दो युवक बेटे को लेने घर आए। उनके साथ बेटा चला गया और वापस लौटा ही नहीं। पड़ोस में रहने वाले एक ऑटो चालक व पुलिस ने घटना की जानकारी दी।